मुक्तक
आँखों में मेरे आंसूओं का उम्र भर पहरा रहा,
ज़िन्दगी का दर्द से, रिश्ता बड़ा गहरा रहा,
दर्द की एक बाढ़ यूँ, हमको बहा कर ले गई
या तो हम चीख़े नहीं, या वक़्त ही बहरा रहा “
आँखों में मेरे आंसूओं का उम्र भर पहरा रहा,
ज़िन्दगी का दर्द से, रिश्ता बड़ा गहरा रहा,
दर्द की एक बाढ़ यूँ, हमको बहा कर ले गई
या तो हम चीख़े नहीं, या वक़्त ही बहरा रहा “