मुक्तक
मुलाकातों का दौर क्या खतम हुआ
मेरे नादान दिल पर बड़ा सितम हुआ.
लोग रोते हैं जब उन्हें पहुँचता है सदमा
हम हंसने लगे जब हमको बहुत गम हुआ
मुलाकातों का दौर क्या खतम हुआ
मेरे नादान दिल पर बड़ा सितम हुआ.
लोग रोते हैं जब उन्हें पहुँचता है सदमा
हम हंसने लगे जब हमको बहुत गम हुआ