मुक्तक
दौलत से कभी रिश्तों को हम तोला नहीं करते,
दुखाए दिल किसी का लफ्ज वो बोला नही करते,
मेरी हसरत मेरी चाहत निगाहों में ही पढ़ लेना,
लबों से राज़ दिल के हम कभी खोला नहीं करते”
दौलत से कभी रिश्तों को हम तोला नहीं करते,
दुखाए दिल किसी का लफ्ज वो बोला नही करते,
मेरी हसरत मेरी चाहत निगाहों में ही पढ़ लेना,
लबों से राज़ दिल के हम कभी खोला नहीं करते”