Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2016 · 1 min read

मुक्तक

बने बैठे थे पत्थर से ,
कभी जो खार मंज़र से ,
दिवाने बन के निकले हैं,
मुहब्बत के समन्दर से….

Language: Hindi
321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

एक ज़माना ...
एक ज़माना ...
Nitesh Shah
श्रीराम ही सहारे
श्रीराम ही सहारे
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
बने हो फेसबूक के दोस्त,
बने हो फेसबूक के दोस्त,
DrLakshman Jha Parimal
2585.पूर्णिका
2585.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"अनपढ़ी किताब सा है जीवन ,
Neeraj kumar Soni
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।
सत्य कुमार प्रेमी
'दीप' पढ़ों पिछडों के जज्बात।
'दीप' पढ़ों पिछडों के जज्बात।
Kuldeep mishra (KD)
■ कला का केंद्र गला...
■ कला का केंद्र गला...
*प्रणय*
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इन तन्हाइयो में तुम्हारी याद आयेगी
इन तन्हाइयो में तुम्हारी याद आयेगी
Ram Krishan Rastogi
तुम जा चुकी
तुम जा चुकी
Kunal Kanth
Ram Mandir
Ram Mandir
Sanjay ' शून्य'
*दुनियादारी की समझ*
*दुनियादारी की समझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
लिखावट - डी के निवातिया
लिखावट - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
संगत का प्रभाव
संगत का प्रभाव
manorath maharaj
मायूस
मायूस
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
sushil sarna
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
Dr fauzia Naseem shad
उलटा वर्ण पिरामिड
उलटा वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
जितना आपके पास उपस्थित हैं
जितना आपके पास उपस्थित हैं
Aarti sirsat
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
Buddha Prakash
सिर्फ औरतों के लिए
सिर्फ औरतों के लिए
Dr. Kishan tandon kranti
" भींगता बस मैं रहा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दिल पे पत्थर ना रखो
दिल पे पत्थर ना रखो
shabina. Naaz
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
The_dk_poetry
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
Neerja Sharma
THE ANT
THE ANT
SURYA PRAKASH SHARMA
मत मन को कर तू उदास
मत मन को कर तू उदास
gurudeenverma198
अरमान ए दिल।
अरमान ए दिल।
Taj Mohammad
Loading...