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Rashmi Shrivastav
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5 Jun 2016 · 1 min read
मुक्तक
बने बैठे थे पत्थर से ,
कभी जो खार मंज़र से ,
दिवाने बन के निकले हैं,
मुहब्बत के समन्दर से….
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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