मुक्तक 1
किसी के इश्क़ में जीयो, बिछुड़ कर मरना छोड़ो तुम ।
रहो तुमको सुकूँ है साथ उसके, वर्ना छोड़ो तुम ।
तुम्हें जो डर अधिक है इश्क़ से तो फ़िर मेरे जाना ।
डरो ताउम्र लोगों से, मुहब्बत करना छोड़ो तुम ।।
— सूर्या
किसी के इश्क़ में जीयो, बिछुड़ कर मरना छोड़ो तुम ।
रहो तुमको सुकूँ है साथ उसके, वर्ना छोड़ो तुम ।
तुम्हें जो डर अधिक है इश्क़ से तो फ़िर मेरे जाना ।
डरो ताउम्र लोगों से, मुहब्बत करना छोड़ो तुम ।।
— सूर्या