मुक्तक-२
मुक्तक
******
मुक्तक हो या छंद हो, पढ़ कर लें आनंद।
रचनाएं ऐसी करें, जिनमें रसधार अमंद ।
जांचे मात्रा भार को, तुला तौल की भाँति-
खिलती रचना है तभी,बनकर सुरभित छंद।
प्रो० राहुल प्रताप सिंह
मुक्तक
******
मुक्तक हो या छंद हो, पढ़ कर लें आनंद।
रचनाएं ऐसी करें, जिनमें रसधार अमंद ।
जांचे मात्रा भार को, तुला तौल की भाँति-
खिलती रचना है तभी,बनकर सुरभित छंद।
प्रो० राहुल प्रताप सिंह