Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2021 · 1 min read

“मुक्तक”- ( मौत से क्या डरना…. )

“मुक्तक”- ( मौत से क्या डरना…. )
•••••••••••••••••••••••••••••••••••
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मौत से क्या डरना, सबको तो आना ही है।
अपनों का साथ तब तक तो निभाना ही है।
ज्यों – ज्यों निकट आते जा रहे वो पल भी ,
सांसों को रोक – रोककर तो घबराना ही है।।

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 29-08-2021.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 428 Views

You may also like these posts

दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
अपमानित होकर भी आप, मुस्कुराते हुए सम्मानित करते हैं;आप सचमु
अपमानित होकर भी आप, मुस्कुराते हुए सम्मानित करते हैं;आप सचमु
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
भ्रम और तसल्ली
भ्रम और तसल्ली
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सम्मान नहीं मिलता
सम्मान नहीं मिलता
Dr fauzia Naseem shad
खुद से
खुद से
पूर्वार्थ
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
8US là cổng game đổi thưởng hàng đầu, nổi bật với các trò ch
8US là cổng game đổi thưởng hàng đầu, nổi bật với các trò ch
8usband
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
4482.*पूर्णिका*
4482.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हे मां शारदे ज्ञान दे
हे मां शारदे ज्ञान दे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
उनकी ही कमी खलती है
उनकी ही कमी खलती है
डॉ. एकान्त नेगी
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
Ajit Kumar "Karn"
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
Shreedhar
"प्रेम रोग"
Dr. Kishan tandon kranti
विषय- सत्य की जीत
विषय- सत्य की जीत
rekha mohan
दुनियां में सब नौकर हैं,
दुनियां में सब नौकर हैं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
*हीरे की कीमत लगी, सिर्फ जौहरी पास (कुंडलिया)*
*हीरे की कीमत लगी, सिर्फ जौहरी पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जीवन की पूर्णता
जीवन की पूर्णता
इंजी. संजय श्रीवास्तव
..
..
*प्रणय*
"वक़्त की मार"
पंकज परिंदा
Happy Birthday Google
Happy Birthday Google
Deep Shikha
कलम कहती है सच
कलम कहती है सच
Kirtika Namdev
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
Iamalpu9492
देश में क्या हो रहा है?
देश में क्या हो रहा है?
Acharya Rama Nand Mandal
पर्यावरण
पर्यावरण
Mukesh Kumar Rishi Verma
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
Neelofar Khan
राष्ट्रीय भाषा हिंदी
राष्ट्रीय भाषा हिंदी
Santosh kumar Miri
जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा।
जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा।
Sanjay ' शून्य'
Loading...