मुक्तक :– माँ सपनों में आ जाती है !!
मुक्तक :– माँ सपनों में आ जाती है !!
व्याकुलता तेरे चिंतन की जब मुझको तड़पाती है !
पल में उदास हो जाता हूँ मैं बेचैनी बढ़ जाती है !
सहलाती सिर को मेरे अपनें ममतामयी हाथों से ;
“माँ” पल्लू से तू हवा लगाती सपनों में आ जाती है !!