“मुक्तक” ( जो तुम ज़ुदा न होते )
“मुक्तक” ( जो तुम ज़ुदा न होते )
“”””””””””””””””””””””””””””””””””
जो तुम ज़ुदा न होते तो हम फिदा न होते,
वैसे सच तो यह है कि हम बेवफा होते ।
बड़ी मशक्कत से ही जिसे पाया था मैंने,
वो वक्त जो होता तो हम रो न रहे होते ।
_ स्वरचित एवं मौलिक ।
© अजित कुमार कर्ण ।
__किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 10-06-2021.
“”””””””””””””””””””””””””””
????????