Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2021 · 1 min read

“मुक्तक” ( जो तुम ज़ुदा न होते )

“मुक्तक” ( जो तुम ज़ुदा न होते )
“”””””””””””””””””””””””””””””””””

जो तुम ज़ुदा न होते तो हम फिदा न होते,
वैसे सच तो यह है कि हम बेवफा होते ।
बड़ी मशक्कत से ही जिसे पाया था मैंने,
वो वक्त जो होता तो हम रो न रहे होते ।

_ स्वरचित एवं मौलिक ।

© अजित कुमार कर्ण ।
__किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 10-06-2021.
“”””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
9 Likes · 301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जानते वो भी हैं...!!!
जानते वो भी हैं...!!!
Kanchan Khanna
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
satish rathore
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
गज़ल
गज़ल
सत्य कुमार प्रेमी
लड़ी अवंती देश की खातिर
लड़ी अवंती देश की खातिर
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
में ही हूं, मैं ही कहानी
में ही हूं, मैं ही कहानी
पूर्वार्थ
"सोचता हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
O CLOUD !
O CLOUD !
SURYA PRAKASH SHARMA
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
Seema gupta,Alwar
"दानव-राज" के हमले में "देव-राज" की मौत। घटना "जंगल-राज" की।
*प्रणय*
मानव जब जब जोड़ लगाता है पत्थर पानी जाता है ...
मानव जब जब जोड़ लगाता है पत्थर पानी जाता है ...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
— कैसा बुजुर्ग —
— कैसा बुजुर्ग —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
पीड़ाएं सही जाती हैं..
पीड़ाएं सही जाती हैं..
Priya Maithil
मनाओ जश्न तुम मेरे दोस्तों
मनाओ जश्न तुम मेरे दोस्तों
gurudeenverma198
एक फूल
एक फूल
अनिल "आदर्श"
3265.*पूर्णिका*
3265.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
Manoj Mahato
खुद्दारी
खुद्दारी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दोहा __
दोहा __
Neelofar Khan
लेखनी चलती रही
लेखनी चलती रही
Rashmi Sanjay
आगाह
आगाह
Shyam Sundar Subramanian
न रोने की कोई वजह थी,
न रोने की कोई वजह थी,
Ranjeet kumar patre
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
अपने
अपने
Adha Deshwal
Love is a physical modern time.
Love is a physical modern time.
Neeraj Agarwal
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ बातें पुरानी
कुछ बातें पुरानी
PRATIK JANGID
मीनू
मीनू
Shashi Mahajan
Loading...