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27 Jul 2021 · 1 min read

“मुक्तक”- ( ज़िंदगी से कितनी आस…. )

“मुक्तक”- ( ज़िंदगी से कितनी आस…. )
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⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

ज़िंदगी से कितनी आस तुम रखते हो !
रुक-रुककर एक-दो सीढ़ियाॅं चढ़ते हो !
और अगर मंज़िल तक नहीं पहुॅंच पाते ,
तो फ़िर औरों पर इल्ज़ाम तुम गढ़ते हो !

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 27-07-2021.
“””””””””””””””””””””””””””””
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Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 720 Views
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