मुक्तक -चमकता चांद सा चहरा- मेरे ही वास्ते !!!
(१) मुक्तक
चमकता चांद सा चेहरा, नैनों में कजरा यह गहरा।
खो गया इनमें दिल मेरा, देखा जब रूप यह तेरा।
बड़ी ही खूबसूरत हो, मेरे दिल की जरूरत।
बांध कर आऊंगा एक दिन ,तेरी चौखट पर मैं सहरा।।
(२)
मेरे ही वास्ते सजना, बनाना मुझको ही सजना।
अनुपम हो बडी सुंदर , तुमसी ना दूजी कोई रचना
वादा तुम करो मुझसे, मैं भी यह वादा करता हूं।
एक दूजे के संग संग में, हमें जीवन भर है चलना।।
राजेश व्यास अनुनय