“मुक्तक”.(खाली दिमाग)…
“मुक्तक”…
“खाली दिमाग” बुराई का घर है।
उसके हर कदम दुखदाई डगर है।
दिमाग अपना लगाइए सही जगह,
अगर आपको, अपनों की फिकर है।
स्वरचित सह मौलिक
पंकज कर्ण
कटिहार
“मुक्तक”…
“खाली दिमाग” बुराई का घर है।
उसके हर कदम दुखदाई डगर है।
दिमाग अपना लगाइए सही जगह,
अगर आपको, अपनों की फिकर है।
स्वरचित सह मौलिक
पंकज कर्ण
कटिहार