मुक्तक – किया था इंतजार तेरा, बदरिया झूम के बरसे!
किया था इंतजार तेरा, नहीं क्यों तू नहीं आया।
गुजारे कैसे पल मैंने, तूने क्यों मुझको तड़पाया।
बची है जां थोड़ी-थोड़ी, अभी भी आस न छोड़ी।
लौट के आजा ओ साजन,झडी तो सावन भी लाया।।
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बदरिया झूम के बरसे, मनवा यह मेरा क्यों तरसे।
बिजुरिया चम_ चम है चमके, डरूं मै मेघों के डर से।
प्यास मेरी अधूरी है,नदी नाले तो उफने है।
जोह रही बाट मै तेरी, तरसती बेबस नजरो से।।
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राजेश व्यास अनुनय