मुक्तक — करूं क्यों फ़िक्र !!!
करूं क्यों फिक्र मै कल की
आज जब साथ है तेरा ।
भरोसा क्या जिंदगी का
ना तेरा है ना कुछ मेरा ।
सुकू में आज ही जी लूं
शिकायत क्यों करूं तुझसे ।
अनुनय पल दो पल जीवन
छोड़कर जाना है कल डेरा ।।
राजेश व्यास अनुनय