Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2017 · 1 min read

मुक्तक –आधार छंद दोहा

1
सावन सूखा ही गया, देखा पहली बार
खोया रूप बसंत का ,कैसी चली बयार
नहीं कूकती कोयलें ,नहीं भ्रमर का गान
नीरस जीवन हो गया ,मिलती नहीं बहार
2
नहीं बोलने चाहिए , देखो कड़वे बोल
आते हैं इनसे सदा ,रिश्तों में भी झोल
लेकर धागे प्रेम के रखना इनको बाँध
हीरे मोती से कहीं ,ज्यादा ये अनमोल
3
अपने अंदर झाँक लो, पाओगे भगवान
मानवता इंसान की ,है असली है पहचान
आपस में मिल कर रहो खुशिया लो कुछ बाँट
दुखे किसी का दिल नहीं ,ये भी रखना ध्यान
4
मंज़िल पाने के लिए ,पहले रखना चाह
हिम्मत रखना साथ में ,मिल जायेगी राह
इन राहों पर जब चलो, इतना रखना याद
कहीं भूल से भी नहीं ,मिले किसी की आह
5
देश खोखला कर रहे ,अंदर कुछ हैवान
उधर देश पर दे रहे ,अपनी जान जवान
कुर्बानी हम क्यों नहीं रखते उनकी याद
आपस के झगडे यहाँ , मन को करते म्लान
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद (उप्र)

Language: Hindi
1 Like · 1034 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
"सदा से"
Dr. Kishan tandon kranti
पहले आदमी 10 लाख में
पहले आदमी 10 लाख में
*Author प्रणय प्रभात*
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*तारे (बाल कविता)*
*तारे (बाल कविता)*
Ravi Prakash
शहद टपकता है जिनके लहजे से
शहद टपकता है जिनके लहजे से
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Meri Jung Talwar se nahin hai
Meri Jung Talwar se nahin hai
Ankita Patel
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
Saransh Singh 'Priyam'
*तंजीम*
*तंजीम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2496.पूर्णिका
2496.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
" मटको चिड़िया "
Dr Meenu Poonia
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
रात निकली चांदनी संग,
रात निकली चांदनी संग,
manjula chauhan
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
शेखर सिंह
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
sushil sarna
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
माँ
माँ
Er. Sanjay Shrivastava
नौका को सिन्धु में उतारो
नौका को सिन्धु में उतारो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*कंचन काया की कब दावत होगी*
*कंचन काया की कब दावत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अब तलक तुमको
अब तलक तुमको
Dr fauzia Naseem shad
Kalebs Banjo
Kalebs Banjo
shivanshi2011
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
Vishal babu (vishu)
बुलंदियों से भरे हौसलें...!!!!
बुलंदियों से भरे हौसलें...!!!!
Jyoti Khari
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
सत्य कुमार प्रेमी
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Dr.Rashmi Mishra
༺♥✧
༺♥✧
Satyaveer vaishnav
जीत कहां ऐसे मिलती है।
जीत कहां ऐसे मिलती है।
नेताम आर सी
आए तो थे प्रकृति की गोद में ,
आए तो थे प्रकृति की गोद में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
💐प्रेम कौतुक-402💐
💐प्रेम कौतुक-402💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
She was the Mother - an ode to Mother Teresa
She was the Mother - an ode to Mother Teresa
Dhriti Mishra
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
Basant Bhagawan Roy
Loading...