मुकाम अधूरा-सा है तुझ बिन…
मुकाम मेरा अधूरा है, तुझ बिन अभी,
आ चल मेरे साथ,चाँद के उस पार कहीं…
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जरूरी है तेरा साथ,इस जमाने की भीड़ में,
मिलोगे तुम मुझे हकीकत में,ये सोचा ही नहीं…
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कहाँ मिलेगा सुकून इस बेवक्त सफर में,
हाँ, तोड़ दे मजबूरी की जंजीरों को अभी…
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आ चल मेरे साथ, जिन्दगी के सफर में…
मैं अधूरा रह जाऊँगा, ग़र तू मेरा हुआ नहीं…
#जज्बाती
राहुल रायकवार