मुक़द्दर
?✒️जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अगर इंसान छाँव देने वाले दरख्तों की क़द्र ना करें तो धूप उसका मुक़द्दर बन जाती है…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की मैं सब कुछ,और तुम कुछ भी नहीं -बस यही सोच, हमें इंसान नहीं बनने देती-सम्मान हमेशा समय का होता है लेकिन आदमी उसे अपना समझ लेता है…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की चींटी से मेहनत सीखिए-बगुले से तरकीब और मकड़ी से कारीगरी-“अपने स्वविकास के लिए अंतिम समय तक संघर्ष कीजिए..संघर्ष ही जीवन है…,
आखिर में एक ही बात समझ आई की हम भी वही हैं -संबंध भी वही हैं-रास्ते भी वही है-बदलते हैं तो सिर्फ समय,संजोग और नजर…!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?