मुकरियां __नींद
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नींद से बोझल आँखें
और बंद होती पलकों के बीच …
वो तेरे जरा सी
आने की उम्मीद …
कर देती है बेचैन
क्या वो है, प्रेमी साजन ..?
नहीं सखी! वो तो है
#दोपहर की नींद
___ मनु वाशिष्ठ
चित्र साभार___ गूगल
नींद से बोझल आँखें
और बंद होती पलकों के बीच …
वो तेरे जरा सी
आने की उम्मीद …
कर देती है बेचैन
क्या वो है, प्रेमी साजन ..?
नहीं सखी! वो तो है
#दोपहर की नींद
___ मनु वाशिष्ठ
चित्र साभार___ गूगल