Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

मुकम्मल हो नहीं पाईं

मुकम्मल हो नहीं पाईं
अधूरी सी मुलाकातें।
बिना बरसात के बरसीं
मिरी आंखों से बरसातें।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 49 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

कसम से शिथिल तन हुआ है
कसम से शिथिल तन हुआ है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#सब_त्रिकालदर्शी
#सब_त्रिकालदर्शी
*प्रणय*
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
gurudeenverma198
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
Jyoti Roshni
सूरज दादा ने ठानी है, अपना ताप बढ़ाएंगे
सूरज दादा ने ठानी है, अपना ताप बढ़ाएंगे
Dr Archana Gupta
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
शेखर सिंह
नन्ही भूख
नन्ही भूख
Ahtesham Ahmad
मुझको आँखों में बसाने वाले
मुझको आँखों में बसाने वाले
Rajender Kumar Miraaj
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
ओसमणी साहू 'ओश'
मेरी सिया प्यारी को देखा अगर
मेरी सिया प्यारी को देखा अगर
Baldev Chauhan
किया आप Tea लवर हो?
किया आप Tea लवर हो?
Urmil Suman(श्री)
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
पूर्वार्थ
ई वी एम (हास्य व्यंग) मानवीकरण
ई वी एम (हास्य व्यंग) मानवीकरण
guru saxena
बिन बुलाए उधर गए होते
बिन बुलाए उधर गए होते
अरशद रसूल बदायूंनी
कुछ लोग बात को यूॅं ही बतंगड़ बनाते हैं!
कुछ लोग बात को यूॅं ही बतंगड़ बनाते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
Life in London
Life in London
Deep Shikha
माहिया
माहिया
Rambali Mishra
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
कवि दीपक बवेजा
जो अपने विचारों में परिवर्तन नही कर सकता उसके जीवन में कोई भ
जो अपने विचारों में परिवर्तन नही कर सकता उसके जीवन में कोई भ
Rj Anand Prajapati
2802. *पूर्णिका*
2802. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Anup kanheri
ज़मीं पर जीने की …
ज़मीं पर जीने की …
sushil sarna
लौट आना वहीं - कोमल अग्रवाल की कलम से
लौट आना वहीं - कोमल अग्रवाल की कलम से
komalagrawal750
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुसीबत के वक्त
मुसीबत के वक्त
Surinder blackpen
प्यार के बदले यहाँ प्यार कहाँ मिलता है
प्यार के बदले यहाँ प्यार कहाँ मिलता है
आकाश महेशपुरी
. क्यूँ लोगों से सुनने की चाह में अपना वक़्त गवाएं बैठे हो !!
. क्यूँ लोगों से सुनने की चाह में अपना वक़्त गवाएं बैठे हो !!
Ravi Betulwala
Sitting in a metro
Sitting in a metro
Jhalak Yadav
Loading...