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11 Jan 2022 · 1 min read

मुकदमा कर दूँ

दिल और दिमाग़ दोनों विपरीत थे
द्वन्द अंतस में चलते रहे रातभर
मन ने ठाना कि प्रभु से लड़ाई करूंगा
दिल ने कहा है ये छोटी बात भर
दिमाग़ ने कहा जाके उलाहना दे दें
मन कह रहा प्रभु पर मुकदमा कर दें

खूब बहस होगी और बातों की लड़ाई होगी
ज़ब भी उस मुकदमें की सुनवाई होगी
तथ्य उनके पास होंगे ये पता है मुझे
मैं कहूंगा मेरी खता आज बता दो मुझे
आज मामले को यहीं रफा दफ़ा करदें
मन कह रहा प्रभु पर मुकदमा कर दें

नाना प्रकार के विपत्तियों के धागे ऐसे क्योंकर बुनते हो
लाख बार उलाहना पाकर भी क्यों नहीं मेरी सुनते हो
कोई दुश्मनी है तो बतला दो, मैं भी तो तुम्हारी मंशा जांनू
हर समय दुखी रहता हूँ मैं,इसे कौन सी विपदा माँनू
अरे! मेरी जिंदगी के साथ कभी तो वफ़ा करते
मन कह रहा प्रभु पर मुकदमा कर दें
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
445 Views
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