मुआबज़े के बोझ तले
हुक्मरानो इतना भी देश का विकास न करो?
की सीधे उसकी जेब खाली हो जाए?
तुम्हारे झूठे वादों की झड़ी मे कहीं?
वो मुआबजे के बोझ तले दब के न मर जाए?
© किशन कारीगर
हुक्मरानो इतना भी देश का विकास न करो?
की सीधे उसकी जेब खाली हो जाए?
तुम्हारे झूठे वादों की झड़ी मे कहीं?
वो मुआबजे के बोझ तले दब के न मर जाए?
© किशन कारीगर