मुंशी : सम्राट
हे उपन्यासों के सम्राट,
कोटि – कोटि तुझको नमन।
हे कलम के तेज सिपाही,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।
हे कलम के प्रखर सिपाही,
कोटि – कोटि तुझको सलाम।
हे हिंदी के उच्च शिखर,
कोटि – कोटि तुझको अभिवादन।
हे दिन – दुखियों के स्वर,
कोटि – कोटि तुझको नमन।
हे गद्य के शिखर कर्ता,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।
हे कलम के निडर सिपाही,
कोटि – कोटि तुझको सलाम।
हे कलम के सच्चे सिपाही,
कोटि – कोटि तुझको अभिवादन।
हे कहानियों के करतार,
कोटि – कोटि तुझको नमन।
हे कृषकों के कलरव,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।
हे मजदूरों के मरहम,
कोटि – कोटि तुझको सलाम।
हे जनों के जननायक,
कोटि – कोटि तुझको अभिवादन।
हे करुणा के सागर,
कोटि – कोटि तुझको नमन।
हे चेतनाओं के चिंतक,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।
हे अबला के अमर गान,
कोटि – कोटि तुझको सलाम।
हे बालकों के बाल स्वरूप,
कोटि – कोटि तुझको अभिवादन।
हे गरीबों के गर्व,
कोटि – कोटि तुझको नमन।
हे अमीरों के अभिमान,
कोटि – कोटि तुझको प्रणाम।