*मुंडन किसका*
मुंडन किसका
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अभी मध्यप्रदेश ही नही वरन पूरे देश मे अगर कोई चर्चा का विषय है तो वो है अध्यापको का मुंडन जो कि पिछले दिनों प्रदेश की राजधानी झील नगरी भेलनगरी भोपाल मैं हुआ जिसमे 100 से अधिक पुरुष वर्ग और 4 महिलाओं ने अपने केश त्याग कर सरकार की नीति,बातो,कसमो,घोषणाओं आदेशो, का पर अमल न करने पर अपना विरुद्ध दर्ज करवाया,,?
अब ये बात तो विरोध की हुई,तो फिर मूल बात ये है कि इस मुंडन से जहां सरकार,सरकारी तंत्र,अधिकारियों,की शैली संदेह के घेरे मैं है जिसमे मुख्य बात यह है कि जिनके मुंडन हुए वो तो ठीक है पर उझड वो गए जिनके बाल सलामत है ,,मगर सिर्फ वो बाल बाल ही बचे है?
प्रथम ये क्योकि महिलाओं के केश अर्पण के बाद जहां लोग पूछ रहे है कि महज कागज और कपड़ो के नेताओ के पुतले नही जलाने दिए जाते वहाँ राजधानी मैं केश अर्पण जैसा कार्य कैसे मतलब शासकीय तंत्र का भी मुंडन,,,?
दुसरे नजरिये से ये की जो संघ सन्गठन अपने आपको पहले या अभी संघर्ष या आंदोलन की बात कर रहे है वो अगर सग मैं अध्य्यापक हितैसी और रखबाली बाले मानते है तो खुद क्यो नही शामिल हुए इस मुंडन मैं ताकि मुंडित नही तो कमसे कम हौशला अफजाई ही करते अब इतना बिलाप क़िलाप अलाप क्यो उनकी भी इज्जत का बात का मुंडन?
तीसरे बात ये है कि जो विरोध आज विधानसभा के विरोधी दल सदस्य इस मुंडन का कोरा समर्थन कर रहे है उनके शासन काल में भी अध्यापको का शोषण होता रहा है तब वो कहा थे और उस वक़्त उनकी भावनाएं आत्माएं,महिला प्रेम और आशुओँ का सागर क्यो सूख गया था और अब क्यो हिलोर मार रहा है,उनके भी वोट बैंक का मुंडन है ये,,?
चौथी बात तो हम उस निष्पक्ष मीडिया की करनेगे जो वहां मौजूद था और अपने संवादताओ और कैमरा मैन के साथ कलम कागज के साथ पूरे दिन इस घटना क्रम पर अपनी नजर गड़ाये रहा पर उन कलमधारियो का क्या जो इस पर अपनी लेखनी को न चला पाये उनकी भी कार्यशैली पर सन्देह है कि वो अगर और साथ देते तो और बात होती,सरकारी बकील बने उस साथ न देने बाले मीडिया तंत्र का भी मुंडन है ?
पाँचवी बात ये है कि अगर हमारी मातृ शक्ति की रक्षा और सुध का जुम्मेदारी जिस महिला आयोग को है जिसका कार्यलय प्रदेश की राजधानी मैं तो होगा ही उनके और उनसे जुड़े किसी भी संस्थान ngo या अन्य सामाजिक संगठनों को इसकी याद क्यो नही आई मेरी नजर मैं ये उनके कार्यो का भी मुंडन है,,?
उस कार्यक्रम मे किसी भी तरह से किसी भी रूप मे पधारे सभी जन सच मे संघर्ष के मूरत रूप है चाहे वो बेहोश होने बाली मातृ शक्ति हो या ब्लड प्रेशर लो होने के कारण सुध खो चुके अध्यापक भाई या अटैक के चपेट मैं आये नरसिंगपुर जिले के अध्य्यापक भाई सभी का सहयोग और समर्थन बहुत ही उन्नत स्तर का है और अगर सरकार या मुखिया जी और उनके हितैसी नही जागे तो ये न जाने किस किस का मुंडन कब तक मुंडन बन जायेगा,,?
इसलिए तमाम उन सभी से जो अध्य्यापक कि पीड़ा दर्द और भावानाओ से जुड़े है हो सके तो मदद और सहयोग कर हमारी उचित मांगो पर गौर करने और साथ देने का कष्ट करें ताकि ये मुंडन क्रांति अपने सही और लक्ष्य मैं कमायब हो और सभी को हक़ मिल सके,,,?आज की विशेष ट्वीट मुहिम #शर्मसार को समर्थन करती हुई मेरी ट्वीट जिसमे अध्यापक बहिनो,भाईओ की वर्षो से लम्भित मांगो को पूरा न करना,अनगिनत,आदेश,वादे घोषणाये,कसमे,फिर भी अध्यापक कि हालत जस की तस आप भी हिस्सा बने इस मुहिम का और समर्थन करे 2लाख 84 हजार अध्यापक बहिनो भाईओ का,,,ट्वीट रिट्वीट, करे ज्यादा से,,,
एक पीड़ित अध्यापक आपके सहयोग की कमाना,,,,?
अध्यापक हित चिंतन है,,,
लेखन का उदेश्य आपकि बात आपके साथ,,,
स्वत्रंत और संघर्ष के साथ अध्यापक हित मे सदैव तत्तपर,,,
नरसिहपुर जिले से ,,,,
मानक लाल मनु????