मील का पत्थर
“मील का पत्थर या झील का पत्थर – चुनाव आपका है”
बाल्य अवस्था का भोलापन भरता है पंखों पर यकीन के
बुद्धिचातुर्य की उड़ान, नापने आकाश, अपनी ज़मीन के
विपदाएं होती हैं नियति की राहें, कठिनाईयों का रूप लिए
ताकि फैसलों के फासले तय होसकें सरलता की धूप लिए
शंकाओं अनिश्चितताओं को मिटाने वाले कर्मयोद्धा होते हैं
समझ अस्वस्थता का मूल कारण, जो संजीवनी संजोते हैं
लक्ष्य भले ही हों पृथक हमारे हां ध्येय एक होना चाहिए
दायित्व को निष्ठा से निभाने का इरादा नेक होना चाहिए
आत्मसात पुरुषार्थ कर, जो हम स्वचरित्र का उत्थान करें
तब पनपता वह नेतृत्व है, जो सकल विश्व का निर्माण करे
~ नितिन जोधपुरी “छीण”