Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

मील का पत्थर

“मील का पत्थर या झील का पत्थर – चुनाव आपका है”

बाल्य अवस्था का भोलापन भरता है पंखों पर यकीन के
बुद्धिचातुर्य की उड़ान, नापने आकाश, अपनी ज़मीन के

विपदाएं होती हैं नियति की राहें, कठिनाईयों का रूप लिए
ताकि फैसलों के फासले तय होसकें सरलता की धूप लिए

शंकाओं अनिश्चितताओं को मिटाने वाले कर्मयोद्धा होते हैं
समझ अस्वस्थता का मूल कारण, जो संजीवनी संजोते हैं

लक्ष्य भले ही हों पृथक हमारे हां ध्येय एक होना चाहिए
दायित्व को निष्ठा से निभाने का इरादा नेक होना चाहिए

आत्मसात पुरुषार्थ कर, जो हम स्वचरित्र का उत्थान करें
तब पनपता वह नेतृत्व है, जो सकल विश्व का निर्माण करे

~ नितिन जोधपुरी “छीण”

2 Likes · 30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अभिनेत्री वाले सुझाव
अभिनेत्री वाले सुझाव
Raju Gajbhiye
हादसे
हादसे
Shyam Sundar Subramanian
बेटियों ने
बेटियों ने
ruby kumari
Alahda tu bhi nhi mujhse,
Alahda tu bhi nhi mujhse,
Sakshi Tripathi
"ज्ञान रूपी दीपक"
Yogendra Chaturwedi
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
Dr. Alpana Suhasini
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
Kumud Srivastava
पेइंग गेस्ट
पेइंग गेस्ट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"वक्त निकल गया"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
वो ओस की बूंदे और यादें
वो ओस की बूंदे और यादें
Neeraj Agarwal
शासक सत्ता के भूखे हैं
शासक सत्ता के भूखे हैं
DrLakshman Jha Parimal
ओम के दोहे
ओम के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
2731.*पूर्णिका*
2731.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रात बसर कर ली रात रंगीन गुजरने की आस में,
रात बसर कर ली रात रंगीन गुजरने की आस में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
सत्य कुमार प्रेमी
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
सुनीलानंद महंत
रिश्ते चंदन की तरह
रिश्ते चंदन की तरह
Shubham Pandey (S P)
सम्भाला था
सम्भाला था
भरत कुमार सोलंकी
* धन्य अयोध्याधाम है *
* धन्य अयोध्याधाम है *
surenderpal vaidya
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
आकाश महेशपुरी
सवाल जिंदगी के
सवाल जिंदगी के
Dr. Rajeev Jain
*बुरे फँसे सहायता लेकर 【हास्य व्यंग्य】*
*बुरे फँसे सहायता लेकर 【हास्य व्यंग्य】*
Ravi Prakash
" बेदर्द ज़माना "
Chunnu Lal Gupta
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
दिखा तू अपना जलवा
दिखा तू अपना जलवा
gurudeenverma198
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शुरुआत
शुरुआत
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...