मीर ग़ालिब
हमने मीर भी पढ़े और गालिब भी
ये यार मगर …
तेरे अल्फ़ाज़ का गौहर सबसे अलग है …
~ सिद्धार्थ
पानी को थोड़ न पता होता की
कंठ से उतरे तो प्यास बुझा दे
नासिका से गुजरे तो सांस फूल दे
~ सिद्धार्थ
हमने मीर भी पढ़े और गालिब भी
ये यार मगर …
तेरे अल्फ़ाज़ का गौहर सबसे अलग है …
~ सिद्धार्थ
पानी को थोड़ न पता होता की
कंठ से उतरे तो प्यास बुझा दे
नासिका से गुजरे तो सांस फूल दे
~ सिद्धार्थ