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19 Dec 2021 · 1 min read

मीरा भजन

सुन मुझे नही स्वीकार, राणा तेरी महल अटारी।
लाख कर लो अत्याचार, हमारे हैं गिरधारी।

हाथों में लेकर इकतारा,
हरि भजनों में नाचूँ गाऊँ।
मेरे तो हैं गिरधर नागर,
गाकर सबको यही सुनाऊँ।

चाहें लोग करें अपमान, कहे ये अबला नारी ।
लाख कर लो अत्याचार, हमारे हैं गिरधारी।

हुई जोगन मैं हरि भक्ति में,
संगति सन्यासी की भाए।
जाकर जो हर गांव गली में,
द्वारे द्वारे अलख जगाए।

सोना चाँदी व जवाहरात, नही है इससे यारी।
लाख कर लो अत्याचार, हमारे हैं गिरधारी।

सुंदर छवि मेरे मोहन की
देख देख कर मैं जी लूँगी।
राणा तेरा विष का प्याला,
हँसकर उसको मैं पी लूँगी।

सब करेंगे बेड़ा पार, पिया मेरे कृष्ण मुरारी।
लाख कर लो अत्याचार, हमारे हैं गिरधारी।

अभिनव मिश्र अदम्य

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 1 Comment · 228 Views
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