मीठा गान
प्रभु का मीठा गान हो, बोलो सीता राम
धूप बाति से हो ध्यान,सिमरन हो हर शाम
सिमरन हो हर शाम, प्रभु सुधारे सभी काम
गाओ महिमा शान, लगता मीठा गान प्रभु.
*माता गौरी आपका, दिवस आठवां आज।
*हो प्रसन्न वर दीजिये, पूरे हों सब काज।।
*किया कठिन तप आपने, पाया अब साथ।
*भक्तों का माँ आप भी, कभी न छोड़ें हाथ।।
कर उपवास पर्व मनाते, कन्या में छवि पाते।
घर घर कन्या पूजन करते। दे प्रसाद सब गाते।
मातृरुप कन्या को खिलाते। लगे दुःख कट जाते।
दे उपहार चरण पूंजते, वह कष्टों नहीं जूझते।
नमन हे मात भवानी, महिमा न जाय बखानी।
जग की रक्षा के लिये, जो हरपल रहती सी तैयार।
जग जिसका पूजन करे, है वह गौरा शिव परिवार।।
स्वरचित -रेखा मोहन पंजाब