Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2020 · 1 min read

मिस सावंत

बहुत सो लिया सिंगल

अब बिस्तर में विस्तार दूँ

कि अपने रनरेट में विस्तार दूँ

पर इस मस्टरवा पर

कोई कुँवारी घास नहीं डालती

मिस सावंत से बात चली थी

पर वे तो ऊँची दुकान, है फीकी पकवान

क्योंकि उसने शर्त्त रखी-

पहले वेतनमान पाओ, मेरे हनुमान !

Language: Hindi
198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
Dr fauzia Naseem shad
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
Anil Mishra Prahari
कुण्डलिया-मणिपुर
कुण्डलिया-मणिपुर
गुमनाम 'बाबा'
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
बेईमानी का फल
बेईमानी का फल
Mangilal 713
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
Er.Navaneet R Shandily
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
gurudeenverma198
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
shabina. Naaz
2500.पूर्णिका
2500.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हमने माना
हमने माना
SHAMA PARVEEN
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
Shweta Soni
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Bodhisatva kastooriya
अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों?
अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अभिसप्त गधा
अभिसप्त गधा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिन्दगी की पाठशाला
जिन्दगी की पाठशाला
Ashokatv
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
नेताम आर सी
चंदा मामा (बाल कविता)
चंदा मामा (बाल कविता)
Ravi Prakash
रक्षाबंधन का त्यौहार
रक्षाबंधन का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
जीवन है अलग अलग हालत, रिश्ते, में डालेगा और वही अलग अलग हालत
जीवन है अलग अलग हालत, रिश्ते, में डालेगा और वही अलग अलग हालत
पूर्वार्थ
अजीब सी चुभन है दिल में
अजीब सी चुभन है दिल में
हिमांशु Kulshrestha
बहू बनी बेटी
बहू बनी बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बारिश के लिए तरस रहे
बारिश के लिए तरस रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दोस्त.............एक विश्वास
दोस्त.............एक विश्वास
Neeraj Agarwal
मैं पुरखों के घर आया था
मैं पुरखों के घर आया था
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जग मग दीप  जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
जग मग दीप जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेबसी!
बेबसी!
कविता झा ‘गीत’
Loading...