Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2020 · 2 min read

“मिसाइल मैन” को श्रद्धांजलि

सुना है,
आपने मिसाइल बनाई थी शायद…
क्या इसलिए आपको याद करें ?
दुश्मन खतरनाक हो
तो सुरक्षा मायने रखती है
और तब
आत्मरक्षा के लिए ही सही
हथियार जरूरी हो जाते हैं
लेकिन
क्या भूख गरीबी शोषण से मुक्ति भी
उतनी ही जरूरी नहीं थी ?
इसके लिए आपने क्या किया ?
अरे भाई
वह साइंटिस्ट थे
और गरीबी दूर करने का ठेका तो
सरकारों के पास है
फिर ऐसा प्रश्न ही क्यों ?
प्रश्न यह नही है कि
साइंटिस्ट गरीबी दूर क्यों नही करता ?
प्रश्न यह है कि
मिसाइल से पहले
पेट के मसले हल क्यों न हो पाए ?
भूख पर कोई शोध क्यों न हुआ ?
दर्द के लिए मरहम क्यों न बना ?
ऐसा आविष्कार क्यों न हुआ
जिससे रेप रुक जाते ?
ऐसा उपकरण क्यों न बना
जिससे जहालत दूर हो जाती ?
हैवानियत पर रिसर्च क्यों न हुआ ?
पलायन पर शोध क्यों न हुआ ?
बेबसी के पीछे की खोज क्यों न हुई ?
उदासियों के पीछे का राज क्यों न खुला ?
इसके लिए आपने क्या किया ?
आप करते भी कैसे ?
यह सभी समस्याएं
जिस धार्मिक सड़ांध से उपजी हैं
आप खुद आजीवन
उन्ही धार्मिक बेड़ियों में जकड़े दिखे
कुछ लोग इसे
आपका सेक्युलरिज्म कहते हैं
लेकिन मैं इसे
अव्वल दर्जे का पाखंड कहता हूँ
देश की सुरक्षा सर्वोपरी है
लेकिन
देश के भीतर
पीढ़ी दर पीढ़ी
मर खपने वाली जमातों को
भूख लाचारी बेबसी कुपोषण शोषण
भय अन्याय और भ्रष्टाचार से सुरक्षा
भी तो जरूरी है
इसके लिए
आपका योगदान
शून्य के अलावा कुछ नही !!
मैं शायद
फिर से गलती कर रहा हूँ
एक महान वैज्ञानिक से
नेतागिरी की अपेक्षा रखना
गलत है
लेकिन जब राजनीति
पंगु हो जाये
तो अपेक्षाएं
बुद्धिजिवियों से न करें तो किससे करें ?
ऊपर से तो कोई आएगा नहीं
जो छड़ी घुमाए
और सब ठीक कर दे !!
आप महान वैज्ञानिक थे
आपको सदियां याद रखेंगी
आपका जीवन संघर्ष भी
हमेशा रटा जाता रहेगा
लेकिन
आप “मिसाइल मैन” की उपाधि से ऊपर
“मिसाल मैन” कभी न हो पाएंगे.
आपको श्रद्धांजलि.

-शकील प्रेम

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 491 Views
Books from Shakeel Prem
View all

You may also like these posts

भाग्य और कर्म
भाग्य और कर्म
Pushpa Tiwari
किशोरावस्था मे मनोभाव
किशोरावस्था मे मनोभाव
ललकार भारद्वाज
* आओ ध्यान करें *
* आओ ध्यान करें *
surenderpal vaidya
निहार रही हूँ उस पथ को
निहार रही हूँ उस पथ को
शशि कांत श्रीवास्तव
*यदि चित्त शिवजी में एकाग्र नहीं है तो कर्म करने से भी क्या
*यदि चित्त शिवजी में एकाग्र नहीं है तो कर्म करने से भी क्या
Shashi kala vyas
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
Neelofar Khan
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
अगर मुझे पढ़ सको तो पढना जरूर
अगर मुझे पढ़ सको तो पढना जरूर
शेखर सिंह
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
पंकज कुमार कर्ण
इंसानियत की लाश
इंसानियत की लाश
SURYA PRAKASH SHARMA
"गम का वहम"
Dr. Kishan tandon kranti
2630.पूर्णिका
2630.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हरियाणा की होली
हरियाणा की होली
Savitri Dhayal
पूछ1 किसी ने हम से के क्या अच्छा लगता है.....आप
पूछ1 किसी ने हम से के क्या अच्छा लगता है.....आप
shabina. Naaz
मीना
मीना
Shweta Soni
गज़ल
गज़ल
rekha mohan
मोहब्बत क्या है  .......
मोहब्बत क्या है .......
sushil sarna
झुमका
झुमका
अंकित आजाद गुप्ता
मेरे अशआर
मेरे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Chaahat
शिक्षा पद्धति और भारत
शिक्षा पद्धति और भारत
विजय कुमार अग्रवाल
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
धनतेरस का महत्व
धनतेरस का महत्व
मधुसूदन गौतम
I love you Shiv
I love you Shiv
Arghyadeep Chakraborty
मौन आमंत्रण
मौन आमंत्रण
Namita Gupta
सबकुछ बिकेगा
सबकुछ बिकेगा
Sonam Puneet Dubey
मैंने यह जान लिया कि....
मैंने यह जान लिया कि....
Ajit Kumar "Karn"
Loading...