Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2023 · 1 min read

मिल जाये इस जगत में

मिल जाये इस जगत में
पुर्ण ब्रम्ह की प्राप्ति
मृगतृष्णा को त्याग दें
तब मिलेगी सुख शांति

जहां न मिले सुख शांति
वहां न पहुंचे लोग
मृगतृष्णा माया नगरी में
करते हैं सब शोक

सत्संग स्थल में सुख-शांति
सद्गुरु ब्रह्म के रूप
सच्चिदानंद घन है वासुदेव
अखिल ब्रम्ह स्वरूप

सृष्टि जगत के पालनहार
मनमोहन घनश्याम
सांख्य योग अरू समर्पण
सुख शांति सीताराम

कर्म करो, कर्ता न बनो
अभिमान देऊं त्याग
सुख शांति रहे जीवन में
जप लीजिए सीताराम

जो कुछ है सब श्याम का
सौंप दीजिए आप
फल की इच्छा आसक्ति का
कर दीजियेगा त्याग

सिद्धि असिद्धि समत्व रख
स्वच्छ रख विचार
तन मन वाणी अरू कर्म से
जपन कर सीताराम

तन मन समर्पण कर प्रभु को
अविरल जपे हरिनाम
कर्म योग सब साधना यही है
सुख शांति देंगें श्रीराम

दाल अरू चांवल ढुंढत फिरे
कहां देंगे मनिहार
श्रृंगार समान का है बिक्रेता
रूप सौन्दर्य श्रृंगार

छल कपट है हटरी,जगत
माया नगर बाजार
ईर्ष्या द्वेष माया जाल बिछा
मिलता है ब्यवहार

ऐसी रचना है मृत्यु लोक
स्वारथ का संसार
अविरल धारा प्रवाह में
जप ले सीताराम
विनित
डां विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

Language: Hindi
1 Like · 218 Views

You may also like these posts

ए तीर चलाने वाले
ए तीर चलाने वाले
Baldev Chauhan
" अब "
Dr. Kishan tandon kranti
3284.*पूर्णिका*
3284.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नयी सुबह
नयी सुबह
Kanchan Khanna
कुदरत का कहर
कुदरत का कहर
Minal Aggarwal
बातें जो कही नहीं गईं
बातें जो कही नहीं गईं
Sudhir srivastava
लग रहा है बिछा है सूरज... यूँ
लग रहा है बिछा है सूरज... यूँ
Shweta Soni
- परिवार आज कल टूट रहा -
- परिवार आज कल टूट रहा -
bharat gehlot
नफरत के कारोबारियों में प्यार बांटता हूं।
नफरत के कारोबारियों में प्यार बांटता हूं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Anurag Mehta Suroor
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
एक दुआ
एक दुआ
Shekhar Chandra Mitra
😊प्रभात-संदेश😊
😊प्रभात-संदेश😊
*प्रणय*
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
न बदले...!
न बदले...!
Srishty Bansal
आगे का सफर
आगे का सफर
Shashi Mahajan
एक दिवाली ऐसी भी।
एक दिवाली ऐसी भी।
Manisha Manjari
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
Ravi Prakash
साथियों जीत का समंदर,
साथियों जीत का समंदर,
Sunil Maheshwari
वक्त
वक्त
Dinesh Kumar Gangwar
आत्मिक प्रेमतत्व …
आत्मिक प्रेमतत्व …
sushil sarna
*आजादी की राखी*
*आजादी की राखी*
Shashi kala vyas
कसक भेद की
कसक भेद की
C S Santoshi
"पसंद और प्रेम"
पूर्वार्थ
Some times....
Some times....
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Life is Beautiful?
Life is Beautiful?
Otteri Selvakumar
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
अंततः...
अंततः...
हिमांशु Kulshrestha
इंसानियत
इंसानियत
अशोक कुमार ढोरिया
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
डॉ. दीपक बवेजा
Loading...