मिलेंगे कल जब हम तुम
मिलेंगे कल जब हम तुम,नहीं बात हम तुमसे करेंगे।
ना तुमसे हम हाल पूछेंगे, नहीं हाल हम तुमसे कहेंगे।।
मिलेंगे कल जब हम तुम——————-।।
तुमसे हमको क्या मिला है, कि याद करेंगे हम तुमको।
सिवा बदनामी के तुमने और, दिया ही क्या है हमको।।
ना कोई बात तुम्हारी सुनेंगे, ना तारीफ तुम्हारी करेंगे।
मिलेंगे कल जब हम तुम——————-।।
तुमको नहीं जब मतलब हमसे,क्यों तुम्हें समझे अपना।
क्यों तुमपे कुर्बान हम हो, बर्बाद करें क्यों जीवन अपना।।
बढ़ जायेंगे हम चुपचाप आगे, बात तुम्हारी नहीं सुनेंगे।
मिलेंगे कल जब हम तुम——————-।।
समझ लिया है तुमको बहुत, विश्वास नहीं अब तुम पर।
अपनी हिफाजत तुम खुद करो,नहीं है बन्दिश तुम पर।।
तुम तो एक पत्थर दिल हो,उम्मीद क्या तुमसे करेंगे।
मिलेंगे कल जब हम तुम——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)