मिली
मिली जो तेरी जुल्फों की छाया मैं बहक गया
उठाया जब घूँघट फैली जो माया मैं बहक गया
करा प्रणय निवेदन उन्होंने हँस के जब हमसे
पता नही कोन सा वो वेग आया मैं बहक गया
छिपा हुआ था एक नया ख्याव बन आगोश मे
किधर से आया मतबाला झोका मै बहक गया
हसीनों की दनियाँ मे घूम कर आया दूर से मैं
नजरें बहकी ऐसे कि पैर फिसला मैं बहक गया
इधर उधर घूम फिर कर आ गये तेरे द्वार लोट
हाथ तेरा मेरे सिर पर जो फिरा मैं बहक गया