मिला तजुर्बा वक्त से
मिला तजुर्बा वक्त से, मुझको मित्र जरूर !
मगर हुई मासूमियत,…..मुझसे कोसों दूर !!
हिस्से में हर देश के,……आ जाती है बाढ़ !
ढाया नदियों ने कहर,जब भी लगा अषाढ़ ! !
रमेश शर्मा
मिला तजुर्बा वक्त से, मुझको मित्र जरूर !
मगर हुई मासूमियत,…..मुझसे कोसों दूर !!
हिस्से में हर देश के,……आ जाती है बाढ़ !
ढाया नदियों ने कहर,जब भी लगा अषाढ़ ! !
रमेश शर्मा