मिला एक दिन उनसे राह-ए-बाजार में: गज़ल
मिला एक दिन उनसे राह-ए-बाजार में,
सारी उम्र यूं गुज़र गई उनके इंतज़ार में!!
फिर मिली न वो न मिला उनका कोई पता,
कहीं पागल न हो जाऊं बस उनके प्यार में !!
मिला एक दिन उनसे राह-ए-बाजार में,
सारी उम्र यूं गुज़र गई उनके इंतज़ार में!!
फिर मिली न वो न मिला उनका कोई पता,
कहीं पागल न हो जाऊं बस उनके प्यार में !!