मिलल गर नैन चाहत बा जरूरी
जहां में जी मुहब्बत बा जरूरी।
मिलल गर नैन चाहत बा जरूरी।
अदा दिखला रिझाई रोज दिल के,
मुहब्बत मे शरारत बा जरूरी।
बड़ा मुद्दत भइल हियरा लगवले,
मिले दिलदार किस्मत बा जरूरी।
मुहब्बत के बचा लीं वायरस से,
चलीं जागीं हिफाज़त बा जरूरी।
तकाजा हो गइल उनका खुशी के,
मुहब्बत में शहादत बा जरूरी।
अमानत में खयानत ठीक नइखे,
करीं गलती नदामत भी जरूरी।
सचिन बस ख्वाब देखल ठीक नइखे,
व़फा जइसन इबादत बा जरूरी।
✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’