मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
काश _ दिल इंसानों के मिल जाए।
हो जाए अगर ऐसा इस जमाने में__
घर _ घर खुशियां निकल आए।।
चाहे न चाहे कोई ऐसा अपने दिल से_
दिल हमारा तो बस यही चाहे।।
कवि_ राजेश व्यास “अनुनय”
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
काश _ दिल इंसानों के मिल जाए।
हो जाए अगर ऐसा इस जमाने में__
घर _ घर खुशियां निकल आए।।
चाहे न चाहे कोई ऐसा अपने दिल से_
दिल हमारा तो बस यही चाहे।।
कवि_ राजेश व्यास “अनुनय”