मिलन के गीत
मैं मिलन के गीत लिखना चाहता हूं
दिल मैं मूरत एक रखना चाहता हूं
मुझको भा जाए कोई बस एक सीरत
बस यही आशा जगाना चाहता हूं
जोड़ियां तो रब बनाता है यकीनन
मैं तो बस क़िस्मत बनाना चाहता हूं
तुम मिलोगे एक दिन हमको यकीं है
फिर भी तुमको मैं रिझाना चाहता हूं
भीड़ में कोई तो समझेगा मुझे भी
इस कदर खुद को सजाना चाहता हूं
सुनके जिसको वो लगे मदहोश होने
धुन वही फिर से बजाना चाहता हूं