मिलन के ख्याल
मिलन के ख्याल
जब वह शर्मसार होते हैं; तो चहेरे पे गुलाब होते हैं .
आँखों मे शोख़ी,होटों मे मुस्कान;दिल मे तूफ़ान होते हैं
जब वह निहारें तिरछी नज़र से;दिल तार-तार होते हैं
क़सम खुदा की,जन्नत सी नसीब,जब वो मेहरबाँ होते हैं
काज़ल भरे मद-मस्त कजरारे नयन; बादल से होते हैं
पलक झपकाना,कभी मुस्कुराना;अन्दर तूफान होते हैं
मिलन की चाह मे ख़ुशियों से दिल तो बे-लगाम होते हैं
अरमां हरदम तड़पते सीने में;लब्ज़ लब्बो पे बेजुवां होते हैं
इश्क़ छुपाया नहीं जा सकता;अदाओं से खुद बयाँ होते हैं
इश्क़ में जुनून इतना;मर-मिट जाने को भी रज़ामन्द होते हैं
परवाने को लुभाने शमा का ज़लवा रोशन सिंगार होते हैं
नसीहत काम न आये,बेचैन दिल मे बिरह से ज़ख्म होते हैं
नादान दिल में मिलन की फ़ितरत,मुश्किल से रुके होते हैं
जज़्बा पत्थर सा;ज़ेहन मे सिर्फ़ उनसे मिलन के ख्याल होते हैं
सजन