Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2022 · 1 min read

मिलन अधूरा

अगर तुम उस वक्त मुस्कुराए होते
बात दिल की बताएं होते
तो आज हमारी आंखें खामोश
और दिल में दर्द ना होते

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all
You may also like:
क़िताबों में दफ़न है हसरत-ए-दिल के ख़्वाब मेरे,
क़िताबों में दफ़न है हसरत-ए-दिल के ख़्वाब मेरे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
****रघुवीर आयेंगे****
****रघुवीर आयेंगे****
Kavita Chouhan
मुद्दा मंदिर का
मुद्दा मंदिर का
जय लगन कुमार हैप्पी
4691.*पूर्णिका*
4691.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रहिमन ओछे नरम से, बैर भलो न प्रीत।
रहिमन ओछे नरम से, बैर भलो न प्रीत।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
राधेश्याम "रागी"
अगर प्यार  की राह  पर हम चलेंगे
अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे
Dr Archana Gupta
कांवड़िए
कांवड़िए
surenderpal vaidya
🌸 आशा का दीप 🌸
🌸 आशा का दीप 🌸
Mahima shukla
एक संदेश युवाओं के लिए
एक संदेश युवाओं के लिए
Sunil Maheshwari
रंग प्यार का
रंग प्यार का
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
श्वेत पद्मासीना माँ शारदे
श्वेत पद्मासीना माँ शारदे
Saraswati Bajpai
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
संघर्ष
संघर्ष
Shyam Sundar Subramanian
आज जगा लें अंतःकरण।
आज जगा लें अंतःकरण।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सु
सु
*प्रणय प्रभात*
सपनों पर इंसान का,
सपनों पर इंसान का,
sushil sarna
"यादों में"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्दों के कारवाँ
शब्दों के कारवाँ
Kshma Urmila
പക്വത.
പക്വത.
Heera S
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
Ranjeet kumar patre
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
पूर्वार्थ
जजमैंटल
जजमैंटल
Shashi Mahajan
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
Sakshi Singh
राखी की यह डोर।
राखी की यह डोर।
Anil Mishra Prahari
खेल और भावना
खेल और भावना
Mahender Singh
दरख्त
दरख्त
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
Loading...