मिलना क्या – न मिलना क्या (मुक्तक)
मिलना क्या – न मिलना क्या (मुक्तक)
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पहाड़ी पर सरोवर में , कमल का फूल खिलना क्या
घने जंगल में काँटों की चुभन से पैर छिलना क्या
नमक, शक्कर, तली चीजों का, यदि परहेज है तो फिर
निमंत्रण दावतों का मित्र , मिलना क्या – न मिलना क्या
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451