मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा है। अतः बिरह में प्रेम का रंग और गाढ़ा होता है, तभी तो गोपियों से निराश हुए उद्धव जी। सत्य को रखवार और प्रेम को पतवार की आवश्यकता नहीं होती।