मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी, मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी, भाग दौड़ भरी जिंदगी भी अब खुद को ही तलाशती है।