मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
मित्रता केँ न आहाँ अपमान करू
सम्मान ,प्रेम ,सत्कार ,सिनेह क
अमृतधार सँ अपना केँ स्नान करू
@ परिमल
मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
मित्रता केँ न आहाँ अपमान करू
सम्मान ,प्रेम ,सत्कार ,सिनेह क
अमृतधार सँ अपना केँ स्नान करू
@ परिमल