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3 Oct 2021 · 1 min read

मिथिला राज के लेल

मिथिला राज के लेल,
झाझा मेल खुलैत हैय।
जय काली कलकत्ते वाली,
छुक छुक करके बोलै हैय।
कुछ पिछलगुआ खलासी बनके,
बज्जिका अंगिका के,
कोयला पानी झोंकत हैय।
मैथिली बनके भाप,
झाझा मेल के चलबैत हैय।
झाझा मेल बिन पैसैंजर के,
दरभंगा राजक स्टेशन आबैत हैय।
मैथिल सभ स्टेशन पर,
झाझा मेल के राह जोहत हैय।
मिथिला राज के लेल,
रामा झाझा मेल आबैत हैय।
स्वरचित@सर्वाधिकार रचनाकाराधीन ।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।

Language: Maithili
1 Like · 225 Views

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