मिथिला राज सं मिथिला राज्य तक।
मिथिला राज सं मिथिला राज्य तक।
मिथिला राज सं मिथिला राज्य तक के यात्रा में आइ मिथिला राज्य के लेल एम एस यू यानि मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन दिल्ली के जंतर मंतर पर ऐतिहासिक धरना प्रदर्शन कैलक।अइला कि अइमे पहिले भेल धरना प्रदर्शन मे अधिक लोग भाग लेलक।
अतीत मे मिथिला राज के राजा जनक रहलन। मिथिला राज के राजधानी जनकपुर रहे।बाद मे कुछ अंतराल के बाद राजा सलहेस रहलन आ राजधानी मेहसौथा रहे।वो जाति के दुसाध रहलन। कुछ अंतराल के बाद कर्णाट यानी कायथ राजा नान्यदेव रहलन जे अपन राजधानी अभी नेपाल स्थित बनौली बनैलन। कुछ अंतराल के बाद ब्राह्मण राजा बनलन जे अपन राजधानी दरभंगा बनैलन। ब्राह्मण राज मे दू ब्राह्मण (ओइनवार आ खंडवाल ) वंश के राजा बनलन। कायस्थ २४४ बर्ष आ ब्राह्मण ५६४ बर्ष आ कायथ ब्राह्मण मिल के लगभग ८०८बर्ष राज कैलन। मिथिला राज दरभंगा राज बन गेल।
सुगौली संधी के बाद मिथिला राज दू भाग मे बंट गेल। मिथिला नेपाल आ मिथिला भारत। मिथिला भारत आइ बिहार राज्य में है। आजादी के बाद दरभंगा राज के महाराजा कामेश्वर सिंह मिथिला राज्य के प्रस्ताव देलन। परंच तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू मिथिला राज्य के प्रस्ताव के न मानलन।
मिथिला राज्य के लेल अनेकों संस्था बनल हैय। मुख्य रूप सं मिथिला राज्य संघर्ष समिति। अनेकों मिथिला राजनीतिक पार्टी बनल हैय। परंच सभ तरह के संघ संगठन के एकता मोर्चा के आइ के पर्दशन मे अभाव दिखल।एकटा आउर बात देखल जाइ हैय कि मिथिला के सभ जिला आ सभ वर्ग के प्रतिनिधित्व न हैय।
मिथिला राज्य के निर्माण मे मैथिली भाषा केयो महत्वपूर्ण स्थान हैय। परंच मैथिली केन्द्रीय मैथिली, दक्षिणी मैथिली आ पश्चिमी मैथिली में बंटल हैय। मैथिली भाषा मे अंतर आ विषमता के कारण नेपाल मे मिथिला राज्य न बन के मधेश राज्य बन गेल। शोशल मिडिया पर मिथिला राज्य निर्माण के विरोध में स्वर सुनाई पड़ैत हैय। मिथिला राज्य, मैथिली आ मैथिल पर लोग भडकैय हैय। मिथिला राज्य निर्माण मे सर्वमान्य नेता के अभाव हैय।
मिथिला राज्य निर्माण के लेल जन आंदोलन आ सर्वमान्य नेता के आवश्यकता हैय।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।