” मिथिला ,मैथिल आ मैथिली “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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कहब किया नहिं
अधिकार
अछि
मिथिला ,मैथिल आ मैथिली
पर गर्व अछि !
संस्कार
हम भूलि रहल छी
सभ्यता
कें ताख पर ओरिया कें राखि रहल छी !
माथ पर
आँचर नहिं
लाज बुझु भसिया गेल
तइयो
हम बुझे छी मिथिला क बासी छी
मैथिलक स्वांग
रचि
बुझेत छी
मैथिल छी
विद्यापति आ मंडणक
वंश आहां
कहैत छी !
मैथिली कें तुक्ष्य
बुझि
बच्चा सं
घरो मे हिंदी
बज बैत छी !
कनि सोचि कें देखलिए
जांचि आ परखि लिए !
आनठाम बच्चा सब
राष्ट्रभाषा सिखैएत अछि
अंग्रेजीक माध्यम
सं विदेशो सं
जुरैत अछि
परंच
यदि बच्चा कें
मिथिला सं
दूर करि
मैथिली सं कात
करि
मैथिलक गणना
कथमपि नहिं भ सकत
अपन परिवेश
सं
कात -कात
ओ रहत !!!!!
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका