Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2021 · 3 min read

मिथिला मैथिली के घुन जेंका खोखैर के खा गेल (हास्य कटाक्ष)

बाबा बड़बड़ाइत बजैत रहै जे इ सब घुन जेंका खा गेल सब किछ? तइयो एकरा सबहक पेट नै भरलै? एकरे सब दुआरे मिथिला के एहने दुर्गति छै की. सबटा उलुआ अपने कबलितीए चूर यै जे हमरा सब सन काबिल कियो ने? मगधिया सरकार मिथिला के बाधक छै? एक्को टा मिथिला वला अपन दोख कहत किन्नौ? ई सब घून जेंका सब किछु खा गेल?

हम बाबा स पुछली जे कि होलै हौ बाबा, तोहर खटिया घून खा गेलहो की? औरी तोरे पोतबा सब खटिया तोरि देलकौ से एते गरमाएल छहू? बाबा बजलै हौ कारीगर तहूं मीडिया वला सब की हमर मोन अघोर करै मे लागल छह? हमे फेर बजली हौ बाबा हौलौ की से कहू ने तबे ने हमरा अरू बुझबै ग? तबे बाबा बोललै धू जी पहिले तमाकूल खुआबह त निचेन स कहै छियअ.

हमे बाबा के खैनी बना के खुएली आ पुछली जे आब कहो ने कथि घून खाए गेलै कोन बरगांही सब ढेरे काबिल बन रहलौ? फेर बाबा बोललकै जे देखै नै छहक मिथिला मैथिली के घुन जेंका खोखैर के खा गेल ई होहकारी, पेटपेसुआ नेता, साहित्यिक दलाल सब. तइयो यथार्थक मुँह झंपबह? हम बजली जे बाबा पूरा फैरक्षा के कहू ने जे की होलै? बाबा मँह बिजकबैत बोललकै हौ सबटा हमहीं कहियअ तूं सब मीडिया वला नै देखै छहक मिथिला मैथिली के दुर्दशा? हमे कहलियै तोंहे कहो ने हौ बाबा मिथिला मैथिली के हाल.

बाबा बजलै देखै छहक मिथिला मैथिली मे होहकारी, पेटपोसुआ नेता, साहित्यिक दलाल सब अफरजात भऽ गेल. ई सब मिथिला मैथिली के घून जेंका खा गेल? होहकारी छौड़ा सब ने किछ बुझतह गमतह आ झूठौ हो हो केने फिरतह जे सबटा मैथिलीए छियै त दरभंगा स देवघर जनेगर स गोड्डा तक सबटा मिथिले छियै आ राजधानी दरभंगे हेबाक चाही? ई होहकारी सब भंगपीपबहा सब बतकुट्टबैल टा करै जेतह? करतब नै देखतह आ जाति देख लोकक आकलन करतह की? तहिना ई पेटपोसुआ नेता सब मिथिला राज हो हो करैत दलाली केने फिरत. आई तलिक एकरा सबके चिन्नी मिल चालू कराउले नै भेलै आ मिथिला राजक नाम पर चंदाखोरी पोस्टरबाजी आ जंतर मंतर पर भाषणबाजी टा करै जाइए?

हम बाबा के कहली हौ बाबा मिथिला राज बनतौ त तोरो मंत्री संत्री बनाई देतौ त नीक रहतौ ने अप्पन भाषा मैथिली मे राज काज होतौ? एते सुनते बाबा आरो खिसिया गेलौ. हमरा स बोललकौ हौ कारीगर तोंहू साहित्यिक दलाल वला चलकपनी बतियाई लगलह? हमे बाबा स पुछली जे साहित्यिक दलाल केहेन होई हई?

बाबा के हंसी छूटि गेलै बजलै अईं हौ कारीगर तोरो अई साहित्यिक दलाल सब दिया नै बुझल छह? हौ यैह मानकी दलाल सब त मैथिली भाषा के शुद्ध अशुद्ध, केन्द्रीय मैथिली राड़ बोली, दैछणाहा पैछमाहा कोसिकनहा मधेशी के भेद कए खंड बिखंड केलक? हम पुछली से की? बाबा बोललकै हौ कारीगर तोरा लिखब बाजब के ई सब मोजरे ने करतह? बहुजन वर्गक बोली के ई सब राड़ बोली कहतह. लिखबा काल सेहो तोहर बोलीक मौलिक स्वरूप के बदैल संस्कृताह मैथिली बना देतह की? सबटा पुरूस्कार आयोजन मे अपने टा आ दू चारी टा मोनलग्गू पिछलगुआ के संग रखतह? ई साहित्यिक दलाल सब धूर्तै क मैथिली भाषा के वर्ग भेदी बना घून जंका खा गेलै. कहला पर एक्को टा दलाल यथार्थ गप मानत किन्नौ उनटे यथार्थक मूँह टा झांपत की?

हम बाबा स पुछली जे इ कहो त यथार्थ के टोपी पहिरा मुँह झांपि देतहो की? बाबा बोललकै हं हौ ई सब टोपी पैहरबै मे पारंगत सब छै. अच्छा ई कहअ त बसहा बरद के तों की कहबहक? हमे बोललियै जे हमे त ठेठी मे बरदे कहबै ने? बाबा बजलै धू जी मैथिली मानक वला सब त बसहो बरद के कामधेनू गाए बना देतै आ कहतै दुनू देखै मे उजर हइ त मनमाना जे मोन हएत से कहबै. यथार्थ देखौला तकैला पर जे बसहा बरद की कामधेनू गाए की रहै तेकर यथार्थ लोकक सोझहा एबाक चाही त उनटे ई साहित्यिक दलाल सब हमरे तोरा जातिवादी आ मंचलोभी कैह यथार्थक मुँह झंपबाक फिराक मे रहतह की? जे देखार चिन्हार ने भ जाए? जाबे तक होहकारी, पेटपोसुआ आ साहित्यिक दलाल सबहक देखार चिन्हार ने हेतै ताबे तक ई सब मिथिला मैथिली के घून जेेंका खाोखरि के खाइत रहत की?

लेखक:- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Maithili
Tag: लेख
1 Like · 449 Views
Books from Dr. Kishan Karigar
View all

You may also like these posts

रामजी हमारा एहसान मानते हैं
रामजी हमारा एहसान मानते हैं
Sudhir srivastava
मंजिल तक पहुँचने के लिए
मंजिल तक पहुँचने के लिए
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
4236.💐 *पूर्णिका* 💐
4236.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत।
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत।
Abhishek Soni
“हिन्दी का सम्मान”
“हिन्दी का सम्मान”
Neeraj kumar Soni
स्वयं संगीता
स्वयं संगीता
Sakhi
रातें सारी तकते बीतीं
रातें सारी तकते बीतीं
Suryakant Dwivedi
आँखों में अँधियारा छाया...
आँखों में अँधियारा छाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
चेतावनी भजन
चेतावनी भजन
Mangu singh
बेटी
बेटी
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
गाय हमारी माता है
गाय हमारी माता है
Dr Archana Gupta
प्यारा सा स्कूल
प्यारा सा स्कूल
Santosh kumar Miri
बेघर
बेघर
Rajeev Dutta
अगर मैं गलत हूं तो सही कौन है,अगर तू सही है तो गलत कौन है
अगर मैं गलत हूं तो सही कौन है,अगर तू सही है तो गलत कौन है
पूर्वार्थ
हमारे अंदर बहुत संभावना मौजूद है हमें इसे खोने के बजाय हमें
हमारे अंदर बहुत संभावना मौजूद है हमें इसे खोने के बजाय हमें
Ravikesh Jha
अब लगती है शूल सी ,
अब लगती है शूल सी ,
sushil sarna
जिस परिंदे के पंखों में मजबूती होती है।
जिस परिंदे के पंखों में मजबूती होती है।
Dr.sima
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
अमित
झील का पानी
झील का पानी
Kanchan Advaita
रिश्तों की बगिया
रिश्तों की बगिया
Dhananjay Kumar
प्रेरणा - एक विचार
प्रेरणा - एक विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सोरठा छंद
सोरठा छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सबकी लड़ाई
सबकी लड़ाई
Shekhar Chandra Mitra
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
Dr.Pratibha Prakash
" भींगता बस मैं रहा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ऐ ढ़लती हुई शाम,
ऐ ढ़लती हुई शाम,
Shikha Mishra
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सीख
सीख
Ashwani Kumar Jaiswal
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
Loading...