मिथिलावासी
सभ जन छी मिथिला वासी
ब्राह्मण कोइरी यादव तेली
शेख दुसाध ओ सन्यासी
मिथिलामे जे रहनिहार छी
सभ जन छी मिथिला वासी
मुसहर डोम चमार तमोली
राजपूत सहनी भूमिहार
देवै विरोधीकें एकहि संग
गर्जन तर्जन ओ ललकार
राम कृष्ण शंकरकें पूजवै
भुइयां बाबा ओ बख्तोर
लोरिक सलहेस दीनाभद्रीक
जयजयकार करव चहुँ ओर
श्रमक वलसँ हरित क्रांति कऽ
हरित भरित बाड़ी ओ खेत
श्वेत क्रांति कऽ दूध दही घीउ
भेंटत सदिखन लेब जतेक
कल कारखाना चलत राति दिन
तेज गतिसँ होयत विकास
इसकुल कओलेज विश्वविद्यालय
सँ ज्योतित बहरय ज्ञान प्रकाश
मिथिला केर मौगा नेता सभ
सभा सदन वैसत चुपचाप
जाति धर्मसँ लोककें बांटत
करत भोट वेरि एहन प्रलाप
सभ वेरि जालमे फंसवे करवै
मिथिला वासी करू विचार
जे काजुल नहि अछि हमरा लेल
करूआब ओकर प्रतिकार
जाति धर्मसँ उठि कऽ करियौ
मिथिला मैथिल हित विचार
मिथिला ता धरि शिथिले रहती
बदलव नहि अपन बेवहार।
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