मित्र
हर व्यक्ति के जीवन में
एक ऐसा मित्र रहा होगा।
कर्णवीर सम देहदान का
भाव पवित्र रहा होगा।।
जिसका मन निर्मल पावन
और शील चरित्र रहा होगा।
दिल में उसके झाॅंक न पाया
मेरा चित्र रहा होगा।।
✍अरविंद राजपूत ‘कल्प’
हर व्यक्ति के जीवन में
एक ऐसा मित्र रहा होगा।
कर्णवीर सम देहदान का
भाव पवित्र रहा होगा।।
जिसका मन निर्मल पावन
और शील चरित्र रहा होगा।
दिल में उसके झाॅंक न पाया
मेरा चित्र रहा होगा।।
✍अरविंद राजपूत ‘कल्प’