मित्रों है मतदान का… (षष्टपदी)
मित्रों है मतदान का, मिला हमें अधिकार।
हमसे ही यह देश है, हमसे ही सरकार।
हमसे ही सरकार, इसे हम लोग बनाते।
आ जाये गर खोट, हमीं हैं सबक सिखाते।
मत को मत यूँ बेच, किसी लालच में आकर।
यह तो है इक दान, दान ही करना जाकर।।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 03/03/2022